बढ़ईगीरी में इस्तेमाल होने वाले कटिंग और शेविंग टूल्स | Cutting and Shaving Tools Used in Carpentry
नमस्कार मित्रों उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आएगा। इस लेख में दिखाए जाने वाले सभी चित्र मेरे द्वारा बनाए गए हैं, जो इंजीनियरिंग और डिप्लोमा के छात्रों के लिए बहुत उपयोगी है। अगर आपको किसी प्रश्न या सुझाव देना है तो कमेंट में ज़रूर बताएं।
कर्तन की क्रिया लकड़ी को आवश्यक आकार के टुकड़े में काटा जाता है फिर इसमें से अवांछनीय पदार्थ काटा जाता है तथा पतले छिलकों के रूप में अलग कर लिया जाता है। कर्तन तथा छिलने वाले औजार निम्न वर्गों में बांटे गए हैं।
i) आरियां (Saws)
ii) रुखनिया (Chisels)
iii) रंदे (Planes)
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बढ़ईगीरी में इस्तेमाल होने वाले कटिंग और शेविंग टूल्स | Cutting and Shaving Tools Used in Carpentry |
Classification of Saws (आरियों का वर्गीकरण) :-
बढ़ईगिरी में प्रयुक्त आर्यों को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया गया है:-
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Rip Saw |
Cross-cut Saw (अनुप्रस्थ काट आरी):- यह रिप आरी की तरह होती है परंतु सुखिया गीली लकड़ियों के रेशों की लंब रूप में काटने के काम आती है। इससे कटाई आगे पीछे खींच कर की जाती है। अनुप्रस्थ काट आरी के दाँते तेजधार छुरी की तरह और नुकीले होते हैं। इसमें दाँत का गुलट कोण 60 डिग्री तथा ऊर्ध्वाधर से झुकाव 15 डिग्री तक होता है। ब्लेड़ की लंबाई 650 मिमी तथा प्रति सेमी तीन से चार दाँत होते हैं।
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Tenon or Back Saw |
Tenon or Back Saw (टेनन, चूल या बैक आरी):- यह आरी रेशों की दिशा तथा उनके लंब रूप कटाई के काम आती है। इस आरी का ब्लेड़ समान चौड़ाई का तथा पतला होता है। इसकी लंबाई लगभग 250 से 400 मिमी तथा प्रति से मी 4 से 6 तक दाँत होते हैं। इसका मुख्य उपयोग चूल काटने में किया जाता है।
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Dovetail Saw |
Dovetail Saw (डोवटेल आरी):- इस आरी का ब्लेड़ टेनन आरी की अपेक्षा पतला होता है। इसके कुछ डिजाइनों में ब्लेड़ की पीठ पर प्रबलन पत्ती लगी होती है। इसका दस्ता खुला होता है। इसकी लंबाई लगभग 200 से 350 मिमी तक होती है तथा प्रति सेमी दाँतो की संख्या 5 से 8 तक तथा बहुत छोटे छोटे हैं। इसका प्रयोग लगभग सूक्ष्म कार्यों के लिए किया जाता है।
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Compass Saw |
Compass Saw (कम्पास आरी):- इसके दाँत अनुप्रस्थ काट आरी की तरह होते है। इसका ब्लेड़ पतला, सलामीदार, संकरा और लचीला होता है। ब्लेड़ की लंबाई 250 से 400 मिमी, दस्ते पर चौड़ाई 50 मिमी तथा नोक पर चौड़ाई 25 मिमी होती है और प्रति सेमी दाँतों की संख्या लगभग 12 होती है। इस आरी का दस्ता भी खुला होता है। यह छोटे कार्यों तथा बड़े वक्रों तथा वृतों को काटने में प्रयोग की जाती है।
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Pad or Keyhole Saw |
Pad or Keyhole Saw (पैड या चाबीछिद्र आरी):- इस आरी का ब्लेड़ कम्पास आरी से भी संकरा होता है। इसकी ब्लेड़ की लंबाई लगभग 50 मिमी लंबाई तक दाँत नही बने होते है। यह ब्लेड़ लकड़ी के दस्ते में दो पेंच के सहारे लगा रहता है। साधारणतया ब्लेड़ की लंबाई लगभग 250 मिमी तथा नोक की तरफ चौड़ाई 3 मिमी और दस्ते की तरफ अधिकतम चौड़ाई6 मिमी होती है। यह आरी छोटे वक्रों आदि की कटाई में किया जाता है।
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Bow Saw |
Bow Saw ( धनु आरी):- इसका आकार धनु के समान होता हैं। इसका मुख्य भाग लकड़ी का एक फ्रेम होता है जिसमे दो भुजाओं के बीच में ढ़ीले टेनन तथा मोर्टाइस जोड़ो द्वारा लकड़ी की एक छड़ से जुड़ा होता हैं फ्रेम के निचले भाग में दस्ते तथा नॉब की सहायता से समान -चौड़ाई का पतला ब्लेड़ लगा होता है। इसमें ब्लेड़ की लंबाई लगमग 300 मिमी और चौड़ाई 10 मिमी होती हैं। यह आरी वाह्य तथा आंतरिक वक्र काटने के काम आती है।
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Coping Saw |
Coping Saw (कापिंग आरी):- इस आरी का भी आकार धनु आरी के समान होता हैं परंतु यह हल्की, सस्ती व सरल होती है। इसमें U आकार की एक फ्रेम होती है जिसके एक सिरे पर लीवर तथा दुसरे सिरे दस्ता की सहायता से ब्लेड़ लगी होती है।
Classification of Chisels (रुखनियों का वर्गीकरण):-
रुखानी से किये जाने वाले कार्य के आधार पर ये निम्न प्रकार की होती है:-
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Firmer Chisel |
Firmer Chisel (फर्मर रुखानी):- यह एक साधारण रुखानी है जिसका प्रयोग संधि कार्य मे छटाई करने के काम आती है। ब्लेड़ की नोक टेपर होती है पर ग्राइंडिंग कोण 20° से 25° तक तथा कटाई कोण 30° से 35° तक होता है। ब्लेड़ की लंबाई 125 मिमी तथा चौड़ाई3 मिमी से 50 मिमी तक होती हैं।
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Dovetail Chisel |
Dovetail Chisel (डवटेल रुखानी):- इस रुखानी के ब्लेड़ के सामने की कोरे सलामीदार होती है। ब्लेड की कोरे पतली होने के कारण उन कोनों पर भी कटाई कर सकती है, जिनका कोण 90 डिग्री से कम होता है और जहां फर्मर रुखनी नहीं प्रयोग की जा सकती है। अतः इसका प्रयोग मुख्यतः डवटेल जोड़ बनाने में उपयोगी सिद्ध होती है।
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Mortise Chisel |
Mortise Chisel (मार्टिस रुखानी):- यह बहुत मजबूत होती है तथा भारी-भारी चोट सहन कर सकती है तथा इसके साथ-साथ काफी गहराई तक लकड़ी की कटाई कर सकती है। इसके ब्लेड 3 मिमी से 25 मिमी तक चौड़े तथा 6 से 15 मिमी तक मोटे होते हैं। दस्ते पर अधिक प्रहार करने से न फटने के लिए फेरूल लगा होता है। इसका उपयोग विशेषतया साल बनाने में किया जाता है।
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Gouge |
Gouge (गोलची) :- गोलची वक्र कर्तन धार वाली रुखानी होती है। इसकी अनुप्रस्थ काट वक्राकार होती है। गोलची का साइज वक्र कर्तन धार पर ब्लेड़ की चौड़ाई तथा वक्र की गहराई द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
Classification of Planes (रन्दों का वर्गीकरण):-
रन्दें का साइज साधारणतया उसके ब्लॉक की लंबाई तथा ब्लेड की चौड़ाई द्वारा प्रदर्शित होता है। विभिन्न प्रकार की रन्दाई के लिए अलग-अलग साइज तथा आकार के रन्दें प्रयोग किए जाते हैं:-
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Jack Plane |
Jack Plane (मोटा या जैक रन्दा):- यह लगभग 400 मिमी लंबा तथा 50 से 60 मिमी ब्लेड की चौड़ाई का होता है। बढ़ईगिरी में इसका प्रयोग रुक्ष कार्य तथा लकड़ी को लगभग साइज में लाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस रंधे का कर्तनधार कुछ गोल कर दी जाती है, जिससे यह रुक्ष समतलन का कार्य अच्छी तरह कर सके।
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Smoothing Plane |
Smoothing Plane (छोटा या समकारी रन्दा):- इसका कार्य तथा आकार जैक रन्दे की तरह परंतु उससे छोटा होता है। यह 200 से 250 मिमी तक लंबे और कम से कम 52 मिमी चौड़े ब्लेड में उपलब्ध होते हैं। इस रन्दे में पकड़ने के लिए हत्था नहीं लगा होता है। जब जैक रन्दे द्वारा कुछ उभार छूट जाता है तो वह समकारी रन्दे का प्रयोग किया जाता है।
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Iron Plane |
Iron Plane (लोहे के रन्दे):- लकड़ियों के रिन्दों की भाँति विभिन्न कार्यों के लिए लोहे के भी रन्दे होते हैं। जैसे लोहे का जैक रंदा, लोहे का समकारी रंदा इत्यादि। इसका ब्लॉक तथा तली दोनों लोहे का होता है। इसमें एक समंजन पेंच लगा होता है जिसकी सहायता से बिना निकाले ही ब्लेड को कार्य की आवश्यकता अनुसार समंजित किया जाता है। इसके अगले भाग में एक घुन्डी लगी होती है जिसे बायें हाथ से पकड़कर तथा दस्ते को दायें हाथ से पकड़कर रन्दाई करते है।
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Rebate Plane |
Rebate Plane (पताम रन्दा):- यह रेशों की दिशा में लकड़ी के खाँचे या पताम बनाने के काम आता है। इसका ब्लेड लकड़ी या लोहे के ब्लॉक में दोनों और की साइडों में खुला रहता है। इसकी कर्तन धार तेज तथा सीधी होती है और इसके साथ पश्च लोहा भी प्रयोग नहीं किया जाता।
Block plane :- यह रंदा रेशों के लंबवत रन्दाई, विशेषता तख्तों आदि के सिरे रन्दने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह लोहे का बना होता है तथा ब्लॉक में ब्लेड को सोल से लगभग 20 डिग्री के कोण पर लगाया जाता है। यह 100 मिमी से 180 मिमी लंबाई तक उपलब्ध होते हैं।
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Spoke Sheave |
Spoke Sheave (अर-छिलक):- सर्वप्रथम इसका प्रयोग लकड़ी के पहिए बनाने वालों द्वारा किया जाता था। यह एक विशेष प्रकार का दस्ती रंदा है, जिसके दोनों और पंख दोनों हाथों से पकड़ने के लिए दस्ते का काम करते हैं। इसलिए इसके ब्लेड सीधे तथा वक्रीक होते हैं। आजकल लकड़ी की अपेक्षा लोहे के अर छिलक अधिक प्रयोग किए जाते हैं।
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